आप कदाचित जानते भी नहीं होंगे की 2006 में ऐसा कुछ हुआ भी था। जिसकी बात हम आज कर रहे है, उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, और मीडिया ने 35 हिन्दुओ के नरसंहार की खबर को दिखाना भी जरुरी नहीं समझा।
आज 30 अप्रैल है, आज ही के दिन 2006 में कश्मीर के डोडा में 35 हिन्दुओ को जिहादी शक्तियों ने लाइन में खड़ा कर गोलियों से भुन दिया था, बिलकुल ISIS के अंदाज में, इन 35 हिन्दुओ में 1 बच्ची भी शामिल थी जिसकी उम्र मात्र 3 साल की थी।
इस नरसंहार के लिए जिहादी शक्तियों ने 2 बार हमले किये, जिहादी शक्तियों ने हथियारों से लैस होकर डोडा जिले के थवा गाँव में पहला हमला किया इस गाँव में हिन्दू ही रहते थे। 12 के आसपास जिहादी भारतीय सेना की वर्दी पहनकर गाँव में आ गए और लोगों को बंधक बना लिया, फिर लाइन में खड़ा कर इस गाँव में 22 हिन्दुओ को गोली मार दी, जिसमे 3 साल की बच्ची भी शामिल थी।
दूसरा हमला उधमपुर के लालों गल्ला गाँव में किया जहाँ पर 13 हिन्दुओ को गोली मार दी, इन दोनों हमलों में कुल 35 हिन्दुओ को जिहादी शक्तियों ने गोलियों से भुन दिया, ये दोनों हमले 30 अप्रैल 2006 को किये गए थे।
इस घटना को मीडिया ने खबर बनाने लायक भी नहीं समझा, आप विकिपीडिया पर "डोडा नरसंहार" के बारे में पढ़ सकते है, नरसंहार के बाद जब डाक्टर को पोस्ट मार्टम के लिए भेजा गया तब उस डाक्टर को भी हार्ट अटैक आ गया, क्यूंकि हिन्दुओ को जिस तरह से गोली मारी गयी थी, उनके शरीर को देख अनुभवी डाक्टर भी कांप गए थे।
आज 30 अप्रैल का दिन है, और हम उन 35 हिन्दुओ के लिए इश्वर से न्याय और शांति मांगते है, उन 35 हिन्दुओ को आजतक कोई न्याय नहीं मिला और न ही उनको आज कोई याद करने वाला है।
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