लिबरल पत्रकार कही जाने वाली सागरिका घोष फिर एक एक बार सोशल मीडिया पर वायरल हो चली हैं। असल में दिवाली से पहले उन्हें अचानक पर्यावरण की चिंता सताने लगी। सागरिका घोष ने अपने एक ट्वीट में बताया- ‘मैं तो ग्रीन-दिवाली मानाउंगी। और आप?’
उनकी इस अचानक पनपती चिंता को लोगों ने बिलकुल पसंद नहीं किया क्योंकि लोग समझते हैं कि उन्हें ये कहने का भी हक नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि एक महीने पहले ही बकरीद के वक़्त उन्होंने जानवरों के साथ जो हिंसा होती है उसपर ऐसी कोई चिंता व्यक्त नहीं की थी बल्कि तब तो वे कबाबों के बारे में ट्वीट कर बोल रहीं थी- “ईद मुबारक! ये ईद बहुत सी खुशियाँ और कबाब लेकर आये।”
हमेशा मुस्लिमों की तरफ से बोलती पायी जाने वाली सागरिका घोष के इसी डबल स्टैंडर्ड पर लोगों ने जमकर प्रतिक्रियाएं दीं-
जहाँ एक यूज़र ने कहा- “हैप्पी ग्रीन दिवाली aunty. एक अच्छा initiative है पाकिस्तान के लिए। आप जैसा India को कोई मिल जाये तो India बहुत आगे बढे।”, तो वहीँ तंज कसते हुए दूसरे यूज़र ने सवाल उठाया- “अपने दिशा निर्देश मे कितने पेड़ लगवायी हो आप, पर्यावरण के लिये दो चार उपलब्धिया बताईये तो”
बता दें, ये पहली बार नहीं जब सागरिका घोष ऐसे किसी मुद्दे पर टोकी गई हों। ये बहुत बार हिन्दुओं के खिलाफ ज़हर उगलती और पक्षपात करती पाई गई हैं। पत्रकारिता से जुड़ी सागरिका घोष कई बार मिसरिपोर्टिंग (बायस्ड रिपोर्टिंग) करती भी पायी गई हैं।
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